नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के बाद, केरल की झांकी के प्रस्ताव को इस साल
गणतंत्र दिवस परेड के लिए 26 जनवरी को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है। केरल ने पारंपरिक कला रूप को शामिल करते हुए एक थीम का प्रस्ताव रखा था, जिसमें राज्य की कला और वास्तुकला को दर्शाया गया था। ध्यान दें कि केरल ऐसा चौथा राज्य है जिसकी झांकी का प्रस्ताव आगामी
गणतंत्र दिवस 0परेड के लिए अस्वीकार कर दिया गया है। इससे 0पहले, रक्षा मंत्रालय ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार की झांकी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था।
कई विपक्षी नेताओं, जिनमें एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, नवाब मलिक, शिवसेना के संजय राउत, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और कई अन्य लोगों ने इसे लेकर विरोध जताया और सरकार पर हमला किया।
सरकार की निंदा करते हुए, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'सरकार द्वारा महाराष्ट्र, बंगाल, केरल, दिल्ली, बिहार और हरियाणा जैसे बड़े पैमाने वाले (क्षेत्र + आबादी) राज्यों को झांकियां प्रस्तुत ना करने की इजाजत, भारत की विविधता, विरासत और सांस्कृतिक और सार के साथ न्याय नहीं है।' महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में विपक्षी राजनीतिक नेताओं द्वारा आलोचना किए जाने के बाद, सरकार ने दावा किया कि इस कदम के पीछे कोई मंशा थी।
सरकार के अनुसार, विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों से प्राप्त झांकी के प्रस्तावों का मूल्यांकन कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्यकला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों की विशेषज्ञ समिति की बैठकों की एक श्रृंखला में किया जाता है।
सूत्रों ने कहा, 'भाजपा शासित राज्यों की कई झांकी भी इस साल खारिज कर दी गई हैं। ये राज्य हरियाणा, उत्तराखंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश हैं।'
गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए, कुल 56 झांकी के प्रस्ताव (32 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और 24 मंत्रालयों / विभागों से) को मंजूरी।
बताया गया कि इन सब प्रस्तावों को पांच बैठकों के बाद मंजूर किया गया है।
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