मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर - फोटो : अमर उजाला
हिमाचल में सामने आ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए पांच जिलों की 80 पंचायतों को सरकार ने हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेते हुए आदेश दिए हैं कि हॉटस्पॉट पंचायतों को पूरी तरह सील किया जाए, ताकि वायरस न फैल सके। चिह्नित की गईं हॉटस्पॉट पंचायतें कांगड़ा, चंबा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिले की हैं, जहां पर कोरोना वायरस के मरीज सामने आए हैं। उपायुक्तों ने इन पंचायतों को सीएम के निर्देश पर चिह्नित किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इन हॉटस्पॉट में कर्फ्यू में कोई छूट नहीं दी जाएगी। हॉटस्पॉट में आवश्यक वस्तुओं को होम डिलीवरी के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में होम डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करें। इन क्षेत्रों में वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।  यह कदम कोरोना को फैलने से रोकने में मददगार साबित होगा।

 उन्होंने गैर सरकारी संगठनों से राज्य के लोगों को घर पर बने मास्क प्रदान करने में आगे आने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में तुरंत सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। इससे ऐसे लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी जो सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

केंद्र से मांगी कोरोना टेस्ट किट
वहीं, प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कोरोना टेस्ट के लिए एक और किट उपलब्ध कराने की मांग की है। इस किट को पालमपुर में स्थापित किया जाएगा। हिमाचल में आईजीएमसी, टांडा और कसौली में ही कोरोना किट उपलब्ध है। अभी आईजीएमसी और टांडा कॉलेज में जांच की जा रही है जबकि जिला सोलन और सिरमौर के सैंपल अभी भी जांच को शिमला आईजीएमसी भेजे जा रहे हैं। कोरोना किट में एक साथ 22 सैंपलों की जांच की जा सकती है। ऐसे में बारी-बारी सैंपल की जांच करनी पड़ती है। रिपोर्ट आने में कम से कम चार घंटे का समय लगता है। 

ये पंचायतें और नगर परिषद क्षेत्र चिह्नित

चंबा जिले में तीसा, सलूणी और साहो की कुल 30 पंचायतों को हॉटस्पॉट सूची में डाला है। सोलन जिले में बद्दी और नालागढ़ नगर परिषद के इलाके और आसपास की कुल 42 पंचायतें इसमें शामिल हैं।

सिरमौर के पांवटा की मिश्रवाला, तारूवाला और लोहगढ़ पंचायत और ऊना जिले की कुठेड़ा-खैरला, कटोहड़ खुर्द, सिद्ध चलेट और पंजोआ लड़ोली पंचायत शामिल है।

कांगड़ा जिले में धर्मशाला नगर परिषद के मैक्लोडगंज, भागसूनाग, फरसेटगंज और धर्मकोट वार्ड के अलावा इंदौरा उपमंडल के गंगथ बाजार से चारों ओर तीन किलोमीटर क्षेत्र हॉटस्पॉट श्रेणी में रहेगा। इन जिलों की सीमाएं पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से भी लगती हैं। 

 क्या है कोरोना हॉटस्पॉट?

ये सवाल सबके मन में पैदा होते हैं कि आखिर कोरोना हॉटस्पॉट है क्या? क्या हॉटस्पॉट जोन में रहते हुए लोग घरों में बाहर निकल सकते हैं, किसी जगह को हॉटस्पॉट कब कहा जाता है? कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कुछ इलाकों को हॉटस्पॉट बनाए जाते हैं। ये ऐसे इलाके हैं जहां कोरोना मामलों की संख्या ज्यादा है या जहां संक्रमण के तेजी से फैलने की ज्यादा संभावना है। इन इलाकों को पूरी तरह से सील करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

हॉटस्पॉट में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सरकार घरों तक खाने-पीने के जरूरी सामानों की होम डिलिवरी सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा इलाके के हर घर की सख्त निगरानी होगी। मेडिकल इमरजेंसी में एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। लोगों और वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक रहेगी। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी हॉटस्पॉट के सार्वजनिक स्थल सैनिटाइज किए जाएंगे।

इन क्षेत्रों में फीवर क्लीनिक खोले जाएंगे। इन क्षेत्रों में एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाया जाएगा। जिन लोगों को भी खांसी या बुखार है, उन सब की जांच की जाएगी। सरकार मास्क का प्रबंध करेगी और उन्हें हर आदमी को लगाना होगा।  राज्य में धार्मिक स्थलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो भी सरकारी आदेशों की अवहेलना करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
               

ऐसे रोकथाम क्षेत्रों को जाने वाली सड़कों पर पुलिस का कड़ा पहरा होगा। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें भी शामिल होंगी। सैनिटाइज करते वक्त यह ध्यान रखा जाएगा कि खाने-पीने की चीजों में छिड़काव न हो। सभी आने-जाने वाले वाहन पर एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइज होंगे